मन पवन मन हिलोर, मन उड़ता चहुँ ओर! मन पवन मन हिलोर, मन उड़ता चहुँ ओर!
जाए किस ओर है तेरा पथ थोड़ा धीरज तो धर ले ऐ मेरा बावरा मन। जाए किस ओर है तेरा पथ थोड़ा धीरज तो धर ले ऐ मेरा बावरा मन।
चल मेहनत के बुते मज़िल पाने की ठान लेते हैं। चल मेहनत के बुते मज़िल पाने की ठान लेते हैं।
मन तो बड़ा चंचल होता है, कभी यहाँ रहे कभी वहां रहे मन तो बड़ा चंचल होता है, कभी यहाँ रहे कभी वहां रहे
मैं नहीं कहना चाहता हूँ कि मैं बुड्ढा हो गया पर मैं साठ साल का हो गया। मैं नहीं कहना चाहता हूँ कि मैं बुड्ढा हो गया पर मैं साठ साल का हो गया।
मन चंचल, खेलें हैं जल थल। उठ रही बाल हृदय हिलोर। मन चंचल, खेलें हैं जल थल। उठ रही बाल हृदय हिलोर।